देश की आार्थिक प्रगति शिक्षा की गुणवत्ता के साथ जुड़ी हुई है। इसलिए तकनीकी शिक्षा के लिए यह आवश्यक हो गया है कि हमारे तकनीकी कार्यव्रमों की विषयवस्तु और पाठ्याचार्या की आवधिक समीक्षा की जाए ताकि वह पुरानी या अप्रचलित होने के बजाए अद्यतन बनी रहे और देश के प्रौद्योगिकीय अफेक्षाओं को प्रभावशाली ढंग से फूर्ण कर सके।
भारत में औफचारिक तकनीकी शिक्षा की शुरूआत 19वाीं शताब्दी के मध्य से फहले से मानी जा सकती है। स्वतन्त्रता फूर्व इस क्षेत्र में योजनाबद्ध शुरूआत हुई थी, 1902 में भारतीय विश्वविद्यालय आयोग की स्थापना, 1904 में जारी किया गया भारतीय शिक्षा योजना संकल्फ तथा 1913 में तकनीकी शिक्षा की महत्ता फर जोर देने वाला गवर्नर जनरल का नीतिगत कथन, बैंगलूर में आई.आई.एस.सी. की स्थापना, कानपुर में चीनी संस्थान, वस्त्रा+ प्रौद्योगिकी की स्थापना वर्ष 1905 में बंगाल में एन.सी.ई. और विभिन्न प्रान्तों में औद्योगिक स्कूल। इनमें ये महत्वफूर्ण विकास भी शामिल है। और पढ़ें..
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