मनन - मंथन कसी चीज़ को समझने के लिए ज्ञान की आवश्यकता होती है किन्तु उसे महसूस करने के लिए अनुभव की ज़रूरत होती है| दूसरों के सामने अपनी श्रेष्टता प्रकट करना उसके लिए संभव है जो भीतर से श्रेष्ट हैं|